मेरा सभी देसवासियों से निवेदन है कि मुंबई में हुए आतंकी हमले को भूले नही और अपने आत्म सम्मान के लिए आम नागरिक को इससे लड़ने की शपथ लेनी चाहिए !अब पानी सर के ऊपर से गुजरने लगा है हमें देश को इन नेताओं के सहारे नही छोड़ना चाहिए !नेताओं का क्या है ये तो फ़िर किसी हमले में कह देंगे कि आतंकी समुदर या जल मार्ग से आ गए इनका क्या बिगड़ गया ! अगर मारे गए तो बेचारे निर्दोष लोग और हमारे बहादुर सैनिक ! अब ये नेता बड़े -बड़े भाषण देंगे और शहीदों के नाम पर किसी सडक का नाम रख देगे और भूल जायेंगे ! फ़िर शुरू होगी वोटो की राजनीती और फ़िर इस हमले के लिए किसी साधू शंत का नाम लेकर मुस्लिम वोटो को अपनी और आकर्षित करने की कोशिश करेंगे !इन् नेताओ का क्या बिगड़ गया इनको तो वोटो की राजनीती के लिए मुद्दा चाहिए और इनको इन हमलो के द्वारा वह मुद्दा मिल जाता है !
हमें आम लोगो को चाहिए की कोई ऐसा कानून बनाये की जब भी कोई ऐसा हमला हो तो मुकाबले के लिए सबसे आगे इन नेताओ को भेजा जाए फ़िर देखना अगर एक भी हमला हो तो ?और जीतनी फोज और पुलिस इनकी सिकोरिटी में लगी उसका ध्यान भी बॉर्डर पर रहेगा , अब तो पुरी की पुरी फोर्स इन नेताओ की सिकोरिटी में लगी हुई है !बॉर्डर के लिए हमारी फोर्स के पास कहाँ समय है !
वाह इंडिया .........
अफजल को माफ़ी ,
साध्वी को फांसी ,
र.स.स.पर प्रतिबंद ,
सेमी से अनुबंद ,
अमरनाथ यात्रा पर लगान ,
हज के लिए अनुदान .............
वाकई मेरा भारत महान !
Friday, November 28, 2008
Monday, November 24, 2008
Saturday, November 22, 2008
जलमहल

" नारनौल" शहर नहीं एक जीवंत संस्कृति का नाम है ! जहाँ के रीतिरिवाज, परम्पराएँ, बोलियाँ, पहनावा, रहन सहन, इतिहास इत्यादी अनुठे ही नहीं सम्पूर्ण भी है ! इतिहास में "नारनौल" की पहचान शुर वीरों की [ शेरों की ] भूमि के रूप में मिलती है ! च्यवन ऋषि, सतनामी, बीरबल, शेरशाह सूरी, तुला राम, बाबा रामदेव इत्यादी महापुरुषों को इस भूमि ने इतिहास रचते देखा है ! हमें गर्व है "नारनौल" और उसके इतिहास पर ! आइये हम सब मिल कर "अपना नारनौल" को विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास करे ! धन्यवाद !
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