Wednesday, August 19, 2009

अन्धा बाटे रेवडी फ़िर-फ़िर अपनो को ही दे:-
कहते है कि पांचो उंगलिया बराबर नही होती लेकिन जब खाना खाने लगते है तो वो सभी उंगलिया इक्कठी हो जाती है। आजकल यही देखने को मिल रहा है हरियाणा सरकार मे, वैसे लोक दीखावे मे सभी एक दूसरे का वीरोध करते है लेकिन जब सरकार ने सभी विधायको व सांसदो को पंचकूला और गुडगांव मे प्लाट देने की योजना बनाई तब किसी ने भी इसका वीरोध नही किया।जब इसको कोर्ट मे चुनौती दी गई तो रातों रात आवंटनपत्र जारी कर दिये गये। हुडा ने आवंटनपत्र पर कब्जा लेने के लिये भी कह दिया था। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है। सरकार इस तरह से विधायको और सांसदो को प्लाट कैसे दे सकती है। इसके लिये मापदन्ड होना चाहिए। कोर्ट ने इस आवंटन पर रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई २६ अक्टूबर को होगी।
१७ अगस्त को हरियाणा विधानसभा के सभापती रघुवीर कादियान प्लाट आवंटन करने वाले थे, लेकिन स्वास्थ्य मन्त्री करतार देवी का निधन होने के कारण आवंटन स्थगित कर दिया गया था। यदि आवंटन कर दिया जाता तो कोर्ट मे याचिका का कोई अर्थ नहीं रह जाता।
एक तरफ़ तो सरकार किसानो की जमीन का अधीग्रहण कर रही है, और गरीब जनता के आशीयाने को अवैध बता कर तुडवा रही है दूसरी ओर महंगी किमत की जमीन को अवैध रुप से दोनो हाथो से खुद लूटने व अपने चहेतो को लुटाने के प्रयासो मे लगी हुई है।
धन्यवाद।